Jawani Ke Heele Haya Ke Bahane - Jagjit Singh

Details
Title | Jawani Ke Heele Haya Ke Bahane - Jagjit Singh |
Author | Sukoon - Gazals |
Duration | 6:22 |
File Format | MP3 / MP4 |
Original URL | https://youtube.com/watch?v=bDhavrGjPUA |
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Description
जवानी के हीले हया के बहाने
ये माना के तुम मुझ से पर्दा करोगी
ये दुनिया मगर तुझ सी भोली नहीं है
छुपा कर मुहब्बत को रुसवा करोगी
(हीले = टालमटोल करना, बहाना बनाना), (हया = लाज, शर्म)
बड़ी कोशिशों से बड़ी काविशों से
तमन्ना की सहमी हुई साज़िशों से
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर
दरीचों से तुम मुझको देखा करोगी
(काविश = चिंता, फ़िक्र, जिज्ञासा), (दरीचा = खिड़की, झरोख़ा)
सतायेगी जब चाँदनी की उदासी
दुखायेगी दिल जब फ़िज़ा की ख़ामोशी
उफ़क़ की तरफ़ ख़ाली नज़रें जमाकर
कभी जो न सोचा वो सोचा करोगी
(फ़िज़ा = वातावरण), (उफ़क़ = क्षितिज),
कभी दिल की धड़कन महसूस होगी
कभी ठन्डी साँसों के तूफ़ाँ उठेंगे
कभी गिर के बिस्तर पे आहें भरोगी
कभी झुक के तकिये पे रोया करोगी
-प्रेम वरबाटोनी